रेत - रेत
रेत - रेत हो गई इच्छाएं मन की
बिखर गई पंखुरियां
मेरे स्वपन की
अर्थ में उलझ गई गति जीवन की
बिखर गए मोती अंजुरियों के
टूट गई डोर प्रीत की
तनहा ही रही अंजुमन मन की
अरमां भी है कुछ खोये तनहा से
ऋतु भी है कुछ पतझर की
ले गया छीन कर कौन करार मेरे मन का
वक्त का आइना भी है उलझन में
चंद पल जो गुजरे उनकी अंजुमन में
ख्वाब है या हकीकत नहीं होता यकीं
रेत - रेत हो गई इच्छाएं मन की
बिखर गई पंखुरियां
मेरे स्वपन की
रेत - रेत हो गई इच्छाएं मन की
बिखर गई पंखुरियां
मेरे स्वपन की
अर्थ में उलझ गई गति जीवन की
बिखर गए मोती अंजुरियों के
टूट गई डोर प्रीत की
तनहा ही रही अंजुमन मन की
अरमां भी है कुछ खोये तनहा से
ऋतु भी है कुछ पतझर की
ले गया छीन कर कौन करार मेरे मन का
वक्त का आइना भी है उलझन में
चंद पल जो गुजरे उनकी अंजुमन में
ख्वाब है या हकीकत नहीं होता यकीं
रेत - रेत हो गई इच्छाएं मन की
बिखर गई पंखुरियां
मेरे स्वपन की